Indicators on नौ ग्रहों के बीज मन्त्र You Should Know



blackmagic and vashikaran specialist aacharya Goldie Madan (whats app +16475502650)


अन्य कई प्रकार के शिवलिंग बनाकर उनमें प्राण-प्रतिष्ठा कर विधि-विधान

द्वारा विशेष पुराणोक्त व वेदोक्त विधि से पूज्य होती रहती है

नवार्ण मंत्र में समाहित हैं गायत्री और महामृत्युंज...

गंभीर रोग का नाश होता है। यही जल किसी अन्य रोगी को पीने देने से उसके भी रोग का नाश होता हैं।

यदि आपके जीवन मे राहू दोष है तो आपको मानसिक तनाव, लगातार आर्थिक नुकसान, स्वयं की कार्यक्षमता को लेकर गलत फहमी, आपसी तालमेल में कमी, बात बात पर क्रोधित होना, निरंतर वाणी में कठोरपन बढ़ते जाना, सामान्य बातचीत में अपशब्दों के प्रयोग के साथ सामने वाले से उलझ जाना, इन सब के साथ ही आपके शरीर से हाथ पैर के नाखून स्वयं ही छोटे कण के रूप में टूटने लगते हैं। यह सारे संकेत यह दर्शाते हैं कि आपके कुंडली मे राहु का दोष है। इसके निवारण के लिए दिए गए मन्त्र का बताए गए विधि पूर्वक जाप करें अवश्य ही लाभकारी होगा और आपको इस कष्ट से छुटकारा प्राप्त होगा।

यह भी पढते हैं लोग: लिंक को दबायें: नवार्ण मंत्र में समाहित हैं गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र मां जग्दम्बे के नव रूप, दश विद्या, पूजन, स...

स्वयं महाकाल हैं, अत: विपरीत कालखंड की गति महामृत्युंजय साधना द्वारा नियंत्रित की जा सकती है। 

इस राश‍ि वाले बुधवार को भूलकर भी न करें भरोसा, वरना पड़ जाएंगे लेने के देने

का वध किया। वध के पश्चात जब उन्होंने इन बलि- पशुओं को भगवती get more info को अर्पित

Extremely great spelled out and these that exhibit all mantra ofGod are equivalent but will need to get should be nishta.

देवी की उपासना करने वाले इस मन्त्र का जप

ब्रह्मसायुज्य देने वाला है। दुर्गा के तीन चरित्रों में ▪️महाकाली की आराधना से

सभी मंत्र एक समान और शक्तिशाली हैं। यह आपकी निष्ठा और शक्ति पर अधिक निर्भर करता है। सभी मंत्र सिद्ध हो चुके हैं। यदि गायत्री बडा तउ राम छोटा क्यों। राम को तो श्री हनुमान जपते हैं। यदि राम बडा तो वासुदेव कृष्ण छोटा क्यों। इससे मीराँ सूर रसखान रहीम तर गये । बिठ्ठल बोलकर ज्ञानू और तुका तर गये। देवी मंत्र से राम रावण को जीत पाये। कुल मिलाकर जिस भांति हर रोग की दवा अलग। उसी प्रकार हर मनुष्य के पूर्व अराधन और इष्ट अलग। अत: कोई मंत्र छोटा बड़ा नहीं।

ऋग्वेद, (१०।१२५।३) में आदिशक्ति का कथन है-'मैं ही निखिल ब्रह्माण्ड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *